...

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बुलाओ तो सही
ख़र्च कर देंगे खुदको तुझमें,
आजमाओ तो सही,
बेख़ौफ़ हो जमाने से लड़ जाएंगे,
खौफ़ दिखाओ तो सही,
शहर में अपने, मुझे,
बुलाओ तो सही।

पर्दे में नूर को छुपा लेंगे,
ज़रा पास आओ तो सही,
दामन छोड़ देंगे बेहयाई का,
हया से नज़रे चुराओ तो सही,
शहर में अपने, मुझे,
बुलाओ तो सही।

गुलिस्तां में, गुलशन खिल जाएंगे,
शर्माकर, घबराकर, गले लग जाओ तो सही,
वादे, कसमें, रस्में, निभाने का वादा है,
दो कदम अपना बढ़ाओ तो सही,
शहर में अपने, मुझे,
बुलाओ तो सही।

देख लेंगे नज़ारे तेरे और भी कई कई,
होश में लाओ तो सही,
हिज्र होते रहें, मोहब्बत बची है अभी,
पहले करीब आकर धड़कने बढ़ाओ तो सही,
शहर में अपने, मुझे,
बुलाओ तो सही।

क़यामत तक का सफर है,
बिजली हुस्न कि गिराओ तो सही,
और कई काम है जमाने को, जाने दो,
भूल उन्हें, मुझे अपनाओ तो सही,
शहर में अपने, मुझे,
बुलाओ तो सही।
© a_girl_with_magical_pen