मेरा बेख़बर दिल
मालूम ही नहीं हुआ हमको कि, तेरे इश्क़ में हम
टूटकर कब बिखर गए
मालूम नहीं हुआ हमको कि, तेरे इस अधूरी मुहब्बत में मेरे अल्फाज़ भी कब निखर गए
कुछ इसकदर तुम्हारे दर्द के दरिया...
टूटकर कब बिखर गए
मालूम नहीं हुआ हमको कि, तेरे इस अधूरी मुहब्बत में मेरे अल्फाज़ भी कब निखर गए
कुछ इसकदर तुम्हारे दर्द के दरिया...