बेजुबा
जुबां होकर भी वो कह नहीं पाई,
हमेशा बेजूबा ही कहलाई।
मा बाप की थी लड़दुलारी,
होगाई ससुराल में बहुबुहरी।
ना हक़ था पिताजी के सामने कहने का,
ना हक़ मिला पराये घर।
कहने को...
हमेशा बेजूबा ही कहलाई।
मा बाप की थी लड़दुलारी,
होगाई ससुराल में बहुबुहरी।
ना हक़ था पिताजी के सामने कहने का,
ना हक़ मिला पराये घर।
कहने को...