...

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मेरे अँगना की कली
कुछ लिखूँ तेरे बारे में
सोचा क्या लिखूँ तेरे बारे में
नई जिन्दगी बन तू
मुझसे मिली
मेरी मुस्कान बन खिली
तुझे देख देख
मन ही मन मैं हरषाई
जीवन की इस भागदौड़ में
सुकून बन तू मुझसे आ मिली
तुझे देख देख
अरमानों के पंख लगा
मैं भी तुझ सँग उड़ी
तेरे नन्हें नन्हें पंख देख देख
मैं हरषाई
तेरी उड़ान को ही
अपनी उड़ान समझ मैं हरषाई
तेरी हर क़ामयाबी पे
मैनें मन ही मन तालियां बजाई
लेकिन ये बात
तुझसे इसलिए मैंने छिपाई
नज़र न मेरी लग जाए कहीं
काला टिका तुझे लगा
अपने...