...

4 views

यह स्वतंत्रता पायी है
"यह स्वतंत्रता पायी है"

प्राणों की आहुति दे देकर,
स्वतंत्रता की लौ जलाई है।
भारत माँ की आज़ादी हित,
प्राणों की बाज़ी लगाई है,
लहू से अपने सींच-सींच कर,
अमर बेल उपजाई है।
तब जाकर अतुलित अतिपावन,
यह स्वतंत्रता पायी है।

अपनी झाँसी नहीं मैं दूँगी,
यह हुंकार लगाई थी।
अंग्रेजों से...