आत्म सम्मान
गुम हो रहा अभिमान कही
जिंदगी किस मोड पर है आ रही...
आत्मसम्मान संभालते हुए
डगमगा रहे कदम
नही मिल पाई सोच
तो राह भी पड़ रही है कम
साथ कम हो रहा हर पल
गुम हो रहे रिश्ते कुछ ही पल
सभी व्यस्त हो रहे अपने में ही
समय भी नही बाकी किसी के लिए
दौलत नही बस साथ और अपनापन
पाना था जरुरी
पैसो से नही तो...
जिंदगी किस मोड पर है आ रही...
आत्मसम्मान संभालते हुए
डगमगा रहे कदम
नही मिल पाई सोच
तो राह भी पड़ रही है कम
साथ कम हो रहा हर पल
गुम हो रहे रिश्ते कुछ ही पल
सभी व्यस्त हो रहे अपने में ही
समय भी नही बाकी किसी के लिए
दौलत नही बस साथ और अपनापन
पाना था जरुरी
पैसो से नही तो...