बैचैन
याद आती है तुम्हारी, भीग जाते है मेरे नैन 👀....
हर पल तुम्हारे लिए, दिल रेहता है बैचैन....
बैचैन दिल को, मैं कैसे मनाऊँ.....
अपना हाल, में किसको बताऊँ...
मिल जाए सुकून, बस यही आस है...
दूर हो कर भी, तू मेरे पास है...
तुझमे खोए रहने की, ना जाने केसी ज़िद है...
भूल जाऊँ तुम्हें, बस यही उम्मीद है....
हर पल तुम्हारे लिए, दिल रेहता है बैचैन....
बैचैन दिल को, मैं कैसे मनाऊँ.....
अपना हाल, में किसको बताऊँ...
मिल जाए सुकून, बस यही आस है...
दूर हो कर भी, तू मेरे पास है...
तुझमे खोए रहने की, ना जाने केसी ज़िद है...
भूल जाऊँ तुम्हें, बस यही उम्मीद है....