...

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🌸 होली 🌸
कितना पावन और निराला,
हाय! मौसम होली वाला।

जैसे नव कलियों ने कोई,
बुन डाला उपवन का जाला।

कमसिन फीकी कलियों का आँचल,
हाय! भंवरों ने रंग डाला।

सखियाँ सारी ताक रही हैं,
किसका दिलबर कितना काला।

देवर-भाभी का हो संगम,
रंग-गुलाल चासनी वाला।

घूम रहे होरियारे सारे,
सीन बना आशिक़ी वाला।

चाचा-दादा झूम रहे हैं,
लगा के पौआ ठेके वाला।

बच्चे सारे घूम रहे हैं,
ले के थैला गुझिया वाला।

होली का ये पर्व सुहाना,
रंग लगाओ यारी वाला।