...

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सीने में दिया दिल
#WritcoPoemPrompt38
Tarry not towards the end,
Await and appreciate,
As you are now,
Your sorrow and your joy...
सीने में दिया दिल, जीना कर दिया मुश्किल
उसमें दर्द मुहब्बत को, करके इसमें शामिल
सीने में दिया दिल, जीना कर दिया मुश्किल

वो दर्द जुदा होता ,जो सीने में न होता
ये रोग बुरा देकर ,महबूब जुदा देकर
हर रात को आखों में, आशू को दे दे कर
कभी धोखा दिया इसको,
कभी करके इसे चोटिल

सीने में दिया दिल, जीना कर दिया मुश्किल,,

अपना न कहा होता,
उसे याद न किया होता
हर रोज़ मुहब्बत में
मेरा दिल न दुखा होता
कभी चाहा था जिसको
वही निकला है कातिल

सीने में दिया दिल, जीना कर दिया मुश्किल

ये वक्त,वक्त की बात है यारो
मेरी मुहब्बत मेरे दुश्मन के साथ है यारो
कभी वक्त मेरा, तो कभी उसका है यारो
देखते है,उसका खज़ाना कितना है यारो

शिवेन्द्र सिंह सोनू
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