आंखो की जुबानी# dedicated to all 80 + dadi and nani ma# who capture many told and untold stories in their eyes#
आंखो की जुबानी
- आस्था
कभी मायके मे बीते पलो को
कभी ससुराल मे आने वाले कल को
इन आंखो न बहुत कुछ देखा हैै।।
कभी धुप मे मसालो को सुखते
कभी उन मसालो का चटकारे लेते
इन आंखो न बहुत कुछ देखा हैै।।
कभी बहु को गृह प्रवेश करते
कभी सास को दादी बनते
इन आंखो न बहुत कुछ देखा...
- आस्था
कभी मायके मे बीते पलो को
कभी ससुराल मे आने वाले कल को
इन आंखो न बहुत कुछ देखा हैै।।
कभी धुप मे मसालो को सुखते
कभी उन मसालो का चटकारे लेते
इन आंखो न बहुत कुछ देखा हैै।।
कभी बहु को गृह प्रवेश करते
कभी सास को दादी बनते
इन आंखो न बहुत कुछ देखा...