...

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हो गई हर
कहते थे तुम
रईस हैम
मेरे आने से पहले
जब से मैंने रखे अपने दम
चली गई हमसे खुशियाँ दूर
और गमों के सागर ने किया अपने को चुर
जब से बोला मैंने पहला शब्द
खो गया सब कुछ
मेरी पहली मुस्कान ने
छीन ली सबसे खुशी
मेरे होने से होने लगा
सब कुछ बुरा
मेरा होना ही था एक हादसा
किया मने माँ को तंग
दिया दर्द जिंदगी भर का
मेरे होने से होई उन्हें दिक्कत
मुझे रखना से दर्द
थी मैं एक पनौती
किया क्या था मैंने ऐसा गुना
जो दी मुझे ऐसी सजा
कहा मैं हूं पनौती तूने
शायद मैं पनौती हूं
जिस दिन छोड़ कर चली गई
उस दिन हुआ तेरा कल्याण
शायद मैं पनौती हू पर
चाहती नहीं हूं मैं बन्ना
किस्मत का है ये खेल
और हो गई में फेल
थी ये मेरी हर
चोर दी अब मेंने उम्मीद
और चोर दिया अब मेंने हौसला
© yati