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“Pata Nahi Kyun”
पता नही क्यूं...
दिल दुखता है
जब भी तन्हा होती हूँ
पता नही क्यूं...
आंख है भरती
जब भी दिल ये
रोता है
पता नही क्यूं...
आस है रहती
उसके दिल मे रहने की
पता नही क्यूं...
यकीं नही है
की वो दिल को तोड़ेगा
पता नही क्यूं...
उसका मुझको धोखा देना
खलता है
पता नही क्यूं...
अब भी ये दिल
तन्हा तन्हा रहता है
💔💔💔
@Arshi zaib
© Arshi zaib
दिल दुखता है
जब भी तन्हा होती हूँ
पता नही क्यूं...
आंख है भरती
जब भी दिल ये
रोता है
पता नही क्यूं...
आस है रहती
उसके दिल मे रहने की
पता नही क्यूं...
यकीं नही है
की वो दिल को तोड़ेगा
पता नही क्यूं...
उसका मुझको धोखा देना
खलता है
पता नही क्यूं...
अब भी ये दिल
तन्हा तन्हा रहता है
💔💔💔
@Arshi zaib
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