कहां गई वो......
(written for my cat......Mani)
कहां गई वो पता नहीं है
दो दिन से राहे देख रहे हैं
ढूंढ़ने निकले जो हर गली में तो
उसका पता भी मुझको पता नहीं है
कुछ हुआ हो उसको तो वो बता ना पाये
जबान भी उसकी अलग है मुझसे
उसकी हमसे थी या हमारी उससे
पर संबंध तो कहीं आज भी है
कहाँ मैं जाउ और उसे पुकारूँ
कुछ भी समझ मुझे आता नहीं है
कमी उसकी अब ख़ल सी रह रही है
ख्याल मन से उसका जाता नहीं है
© PradnyaBhide
कहां गई वो पता नहीं है
दो दिन से राहे देख रहे हैं
ढूंढ़ने निकले जो हर गली में तो
उसका पता भी मुझको पता नहीं है
कुछ हुआ हो उसको तो वो बता ना पाये
जबान भी उसकी अलग है मुझसे
उसकी हमसे थी या हमारी उससे
पर संबंध तो कहीं आज भी है
कहाँ मैं जाउ और उसे पुकारूँ
कुछ भी समझ मुझे आता नहीं है
कमी उसकी अब ख़ल सी रह रही है
ख्याल मन से उसका जाता नहीं है
© PradnyaBhide