एक सफ़र
अभी अभी तो पाया है
सही रास्ता
अभी अभी तो मिली है
सही डगर
अब कुछ और नहीं
है सुझता
बस में और मेरा
सफर
अनभिज्ञ हूं हर बात
हर बात से हूं
बेखबर
बस मैं और ...
दिशाएं स्वयं है
बुलाती
हवाएं पथ है
दर्शाती
वक्त भी मुझसे पुछकर
अब करता है 'सहर'
कैसी अब बेला, कैसा
अब प्रहर
अनभिज्ञ हूं हर बात
हर बात से हूं
बेखबर
बस मैं और ...
अनगिनत बिजलियां
गिरे
तुफान...
सही रास्ता
अभी अभी तो मिली है
सही डगर
अब कुछ और नहीं
है सुझता
बस में और मेरा
सफर
अनभिज्ञ हूं हर बात
हर बात से हूं
बेखबर
बस मैं और ...
दिशाएं स्वयं है
बुलाती
हवाएं पथ है
दर्शाती
वक्त भी मुझसे पुछकर
अब करता है 'सहर'
कैसी अब बेला, कैसा
अब प्रहर
अनभिज्ञ हूं हर बात
हर बात से हूं
बेखबर
बस मैं और ...
अनगिनत बिजलियां
गिरे
तुफान...