किताबो के पन्ने
पन्ने पलटते -पलटते पता ही नहीं चला
जिंदगी यु उलट -पुलट सी होगयी
हम किताबों बे डूबे रहे
और सारी दुनिया बेरंगी सी होगयी
कुछ ख्वाईसे ऐसी भी थी
जैसे जीत लुंगी एक दिन पूरी दुनिया को
ऐसी बंदगी मुझमे ही थी
सपने देखे बड़े -बड़े जो एक दिन
पूरा ...
जिंदगी यु उलट -पुलट सी होगयी
हम किताबों बे डूबे रहे
और सारी दुनिया बेरंगी सी होगयी
कुछ ख्वाईसे ऐसी भी थी
जैसे जीत लुंगी एक दिन पूरी दुनिया को
ऐसी बंदगी मुझमे ही थी
सपने देखे बड़े -बड़े जो एक दिन
पूरा ...