मोह
हक न था मेरा
में किसी के लिए जिद्द कर जाऊं
फर्ज था मेरा
में उसकी खुशियों में ही अपनी खुशियां सजाऊं
क्योंकि मोहब्बत स्वार्थ की मोहताज नहीं होती।
© shivani jain
में किसी के लिए जिद्द कर जाऊं
फर्ज था मेरा
में उसकी खुशियों में ही अपनी खुशियां सजाऊं
क्योंकि मोहब्बत स्वार्थ की मोहताज नहीं होती।
© shivani jain