अध्याय
पढाई जितनी तेरे चहरे की थी मैने
जितनी वक्त लगी थी तेरे अध्याय
को समझने की सारे वक्त हुए थे
बेकार जब समय के साथ
बदले लिखावटी शब्द तेरे
चहरे की ।
खत्म हुआ अध्याय तुम्हारा
अब हमारे जीवन से
खुशी हुई इस बात की अब
न थकेकी मेरी आंखे
पढाई करके तुम्हारी झूठी चहरे की।
पढाई करोगी अब खुद की
समझोगी खुद को बेहतर
वक्त के साथ अब न बदलेगे
शब्द मेरे अध्याय की।
जितनी वक्त लगी थी तेरे अध्याय
को समझने की सारे वक्त हुए थे
बेकार जब समय के साथ
बदले लिखावटी शब्द तेरे
चहरे की ।
खत्म हुआ अध्याय तुम्हारा
अब हमारे जीवन से
खुशी हुई इस बात की अब
न थकेकी मेरी आंखे
पढाई करके तुम्हारी झूठी चहरे की।
पढाई करोगी अब खुद की
समझोगी खुद को बेहतर
वक्त के साथ अब न बदलेगे
शब्द मेरे अध्याय की।