महाभारत फिर ना आएगा
ना काल को न्योता देके फिर महाभारत ऐसा आएगा,
जो कुरूक्षेत्र की रणभूमि में अनगिन लाश बिछाएगा।
ना गंगा–पुत्र भीष्म जैसा कोई जन्म यहां पे पाएगा,
इच्छा मृत्यु पाके जो मौत को नाच नचाएगा।
ना गुरु द्रोणाचार्य जैसा गुरु कोई बन पाएगा,
जो कौरवों और पांडवों के जैसी कौशलता की नीव बिछाएगा।
ना महात्मा विधुर जैसी नीति कोई सुनाएगा,
जो सलाहकार बनके पांडवो को हर खतरे से चेताएगा।
ना संजय जैसी कोई दिव्य दृष्टि यहाँ पे पाएगा,
जो राजा धृतराष्ट्र को महायुद्ध का हाल बताएगा।
ना...
जो कुरूक्षेत्र की रणभूमि में अनगिन लाश बिछाएगा।
ना गंगा–पुत्र भीष्म जैसा कोई जन्म यहां पे पाएगा,
इच्छा मृत्यु पाके जो मौत को नाच नचाएगा।
ना गुरु द्रोणाचार्य जैसा गुरु कोई बन पाएगा,
जो कौरवों और पांडवों के जैसी कौशलता की नीव बिछाएगा।
ना महात्मा विधुर जैसी नीति कोई सुनाएगा,
जो सलाहकार बनके पांडवो को हर खतरे से चेताएगा।
ना संजय जैसी कोई दिव्य दृष्टि यहाँ पे पाएगा,
जो राजा धृतराष्ट्र को महायुद्ध का हाल बताएगा।
ना...