तुझसे दूर होकर...
अजनबी हुआ है शब
ख्यालों में कोहराम मचा है
रूठ गया महताब
दिल में कितनों अरमान बचा है...
नगमो के तार भी
जुड़ने को तैयार नहीं है
कहने को तुमसे
लफ़्ज़ों का आवाम बचा है...
नज़रें भी बेसब्री में
थकने को तैयार नहीं
ख्वाबों के कोहरे में
तेरा अहसास बचा है...
ख्यालों में कोहराम मचा है
रूठ गया महताब
दिल में कितनों अरमान बचा है...
नगमो के तार भी
जुड़ने को तैयार नहीं है
कहने को तुमसे
लफ़्ज़ों का आवाम बचा है...
नज़रें भी बेसब्री में
थकने को तैयार नहीं
ख्वाबों के कोहरे में
तेरा अहसास बचा है...