ग़ज़ल...
जब भी तुमको, अपने रू-ब-रू देखता हूँ
मैं उस ख़ुदा को तुझ में, हू-ब-हू देखता हूँ
महकता है दिल मेरा, आपके आ जाने से
बिखरती है हर ओर, एक खुशबू देखता हूँ
तेरे...
मैं उस ख़ुदा को तुझ में, हू-ब-हू देखता हूँ
महकता है दिल मेरा, आपके आ जाने से
बिखरती है हर ओर, एक खुशबू देखता हूँ
तेरे...