...

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"सच्ची दोस्ती अधूरा प्यार"
चलो आज आपको कुछ बतलाते है,
सच्ची दोस्ती अधूरे प्यार से मिलाते है
मेरा पल्लू जो जरा सा सरका कभी,,
तो नज़र अपनी झुका लेता था वो,,
इन्हीं झुकी नजरो से मोहब्बत है,
न जाने कितनी बार जता जाता था वो,
ना मै समझ सकी ,इजहार उसका,
ना वो खुलकर कह सका कभी,
जो इश्क़ था वो दबकर दोस्ती में,
रह गया वहीं पर कहीं,
आज फैसले बदल गए ,फासले बढ़ गए ,
पर चाहत उसकी आज भी रही,
भर कर सिंदूर किसी और के नाम का आज,
मै ज़िन्दगी में हंसकर हर किरदार कर रही,
बेवफा नहीं हूं, बस कह ना सकी ,
पर मै आज भी,
उसकी झुकी नजर को याद कर रही
लगा कर काजल मजबुर आसुओं का ,,,
हंसते हंसते सोलह श्रृंगार कर रही !!!
- @Ankita Joshi (feelbythoughts18)