"सच्ची दोस्ती अधूरा प्यार"
चलो आज आपको कुछ बतलाते है,
सच्ची दोस्ती अधूरे प्यार से मिलाते है
मेरा पल्लू जो जरा सा सरका कभी,,
तो नज़र अपनी झुका लेता था वो,,
इन्हीं झुकी नजरो से मोहब्बत है,
न जाने कितनी बार जता जाता था वो,
ना मै समझ सकी ,इजहार उसका,
ना वो खुलकर ...
सच्ची दोस्ती अधूरे प्यार से मिलाते है
मेरा पल्लू जो जरा सा सरका कभी,,
तो नज़र अपनी झुका लेता था वो,,
इन्हीं झुकी नजरो से मोहब्बत है,
न जाने कितनी बार जता जाता था वो,
ना मै समझ सकी ,इजहार उसका,
ना वो खुलकर ...