...

15 views

मां एक शब्द नहीं, पूरी दुनिया है।

संवेगों का हर रंग है उसके प्यार में।
वो दोस्त भी हैं मेरी, मार्गदर्शक भी है।
जितनी सख्त वो दिखती है उतनी ही नरम दिल है वो।
गलतियों पर खूब डांटती है मुझको, जब मैं रो जाऊं तो प्यार से पुचकारती है मुझको।
सच्ची मार्गदर्शक बन वो मेरे पथ को संवारती हैं ।
अपने जीवन की बातों को् बतलाकर, दुनिया के तौर-तरीकों को समझाती है।
मेरे गमों को बांट कर वो मुझको हर खुशी देना चाहती है।
मां मुझको हर हाल में सुख देना चाहती हैं। मेरी मुस्कान ही उसका गहना है जिसे वो सहेजकर रखना चाहती है।
मैं हूं उनकी पूरी दुनिया पर वो मेरा संसार है।
मां बिना सब अधूरा है।
मां एक शब्द नहींं वो पूरा संसार है।
© Dr. Urvashi Sharma