थक जाता हूँ..
अश्क आँखों में छुपाते हुए, थक जाता हूँ
बोझ पानी का उठाते हुए, थक जाता हूँ
पाँओं रखते हैं जो मुझ पर, उन्हें एहसास नहीं
मैं निशानात मिटाते हुए, थक जाता हूँ
बर्फ़ ऐसी के पिघलती नहीं,...
बोझ पानी का उठाते हुए, थक जाता हूँ
पाँओं रखते हैं जो मुझ पर, उन्हें एहसास नहीं
मैं निशानात मिटाते हुए, थक जाता हूँ
बर्फ़ ऐसी के पिघलती नहीं,...