...

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शायरी...❣️
सब लगे बिखरा सा तुम मेरे पास नही
सब लगे बिछड़ा सा तुम मेरे साथ नही

सब टूट गए है रिश्ते अब तेरी मुझे आस नही
तेरे साथ लगती थी मेहकी अब वो सांस नही

सब रहते है आसपास उनमे अब कोई अपना नही
जो रेहता था हर पल आंखों मै अब रेहता वो सपना नही

बदल गया है अब तु पहले जैसा रहा नही
जो अब केहता रेहता है पहले ऐसा कहा नही...🖤







© Janhvi