...

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sad sayri
अब न वो राहें होगी
न ही वो रहगुजर होगा
दुनिया वीरान मेरी होगी
तेरा दौलत का शहर होगा

शहर में हमारे अमीर बहोत है
हमें पता है वो ख़ुशनसीब बहोत है
साथ नहीं देता अपना कोई यहाँ
पता है, कि हम बदनसीब बहोत है

हँसते बहुत थे, हम
चलो किसी ने रुलाया तो हमें
उधार की जिन्दगी है हमारी,
किसी ने बताया तो हमें
कारवां कैसे रुकता जिन्दगी का
चलना कैसे अपनो ने बताया तो हमें
बहुत दूर आकर देखा ,मन्ज़र इन आखों ने
अपना नही है कोई, ये बतलाया तो हमें
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