दिलवर जानी
हमने तुमको दिलवर माना, तुमने माना दिलवर जानी,!
दो लफ्जो मे नहीं रुकेगी, अब ये अपनी प्रेम कहानी !
तुम पर आंच ना आने दूंगा,कर दू अपनी मै नीलामी !
गर तू रूठें रब भी रूठें, क्यू करती है तू मनमानी !
मै भी उसकी पूजा करता, तू भी उसकी है...
दो लफ्जो मे नहीं रुकेगी, अब ये अपनी प्रेम कहानी !
तुम पर आंच ना आने दूंगा,कर दू अपनी मै नीलामी !
गर तू रूठें रब भी रूठें, क्यू करती है तू मनमानी !
मै भी उसकी पूजा करता, तू भी उसकी है...