फ़िक्र होती है...
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
जब दिन ढ़ले और बात ना हो,
खबर हो आने की और
मुलाकात ना हो!
फ़िक्र होती है ...
उठते ही इंतजार रहता है
उनके संदेश का,
खुश होता है मन जान हालत
उनके देश का।
जब सूरज परवान चढ़ता है और
वो निकलती है घर से,
कि झुलस न जाये कोमल कली अंगार-ए-अम्बर से,
फ़िक्र होती है...
...
जब दिन ढ़ले और बात ना हो,
खबर हो आने की और
मुलाकात ना हो!
फ़िक्र होती है ...
उठते ही इंतजार रहता है
उनके संदेश का,
खुश होता है मन जान हालत
उनके देश का।
जब सूरज परवान चढ़ता है और
वो निकलती है घर से,
कि झुलस न जाये कोमल कली अंगार-ए-अम्बर से,
फ़िक्र होती है...
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