...

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हमसफर
हाफिज़ करती हर यादें
इबादत करती रूह मेरी

मुंतजिर उन यादों का
मुख्तलिफ सारी यादों का,

गुजरती जो लम्हे हर राह से
जैसे खुशबू फांसती हर याद से

लम्हे जो लिपटे...