![...](https://api.writco.in/assets/images/post/user/poem/10282405150730231036.webp)
26 views
ढूंढते रहे...❤️❤️✍️✍️( गजल)
हम भी जीने की वजह ढूंढते रहे
बाद में पता चला बेवजह ढूंढते रहे
लोगों ने बना लिए महल रहने के लिए
और हम दिलों में बस जगह ढूंढते रहे
वो इतना व्यस्त रहे कारोबारे जहां में
कि हमसे मिलने को समय ढूंढते रहे
वो बिछड़े हमसे तो हम घर में उनकी
इक तस्वीर पागलों की तरह ढूंढते रहे
हम पीते रहे उनकी आंखों से प्याले
और लोग महफिलों में मय ढूंढते रहे
मोती चाहने वाले थे तल की फिराक में
पर डूबने वाले लोग सतह ढूंढते रहे
© Shaayar Satya
बाद में पता चला बेवजह ढूंढते रहे
लोगों ने बना लिए महल रहने के लिए
और हम दिलों में बस जगह ढूंढते रहे
वो इतना व्यस्त रहे कारोबारे जहां में
कि हमसे मिलने को समय ढूंढते रहे
वो बिछड़े हमसे तो हम घर में उनकी
इक तस्वीर पागलों की तरह ढूंढते रहे
हम पीते रहे उनकी आंखों से प्याले
और लोग महफिलों में मय ढूंढते रहे
मोती चाहने वाले थे तल की फिराक में
पर डूबने वाले लोग सतह ढूंढते रहे
© Shaayar Satya
Related Stories
29 Likes
14
Comments
29 Likes
14
Comments