क्यों तुम बदलते जा रहे हो ?
ऐसे तो नहीं थे जैसे बनते जा रहे हो
यार क्यों तुम इतना बदलते जा रहे
मेरी सारी खराबियों,नाकामियों का है जायज़ा तुम्हारे पास
है नहीं तो बस मेरे प्यार पर ऐतबार तुम्हारे पास
तुम ख़ुद ग़ैर बगीचे की महक संग लिए फिरते हो
मैं भी देखती हूँ तुम मेरी नज़र में और कितना गिरते हो
एक रिश्ते की बर्बादी की ओर बढ़ते जा रहे हो
तुम ऐसे तो नहीं थे जैसे बनते जा रहे हो ...!!
© Alfaaz 'Arpita' Ke
यार क्यों तुम इतना बदलते जा रहे
मेरी सारी खराबियों,नाकामियों का है जायज़ा तुम्हारे पास
है नहीं तो बस मेरे प्यार पर ऐतबार तुम्हारे पास
तुम ख़ुद ग़ैर बगीचे की महक संग लिए फिरते हो
मैं भी देखती हूँ तुम मेरी नज़र में और कितना गिरते हो
एक रिश्ते की बर्बादी की ओर बढ़ते जा रहे हो
तुम ऐसे तो नहीं थे जैसे बनते जा रहे हो ...!!
© Alfaaz 'Arpita' Ke