तस्वीर
शायद एक तस्वीर बन गई हूं
सजावट की शय सी
घर की दीवार पर टंगी
इक फ्रेम में जड़ी सी
आते जाते जिसे ताक लेते हो तुम
कभी रोज कभी कभी कभार ही
और तुम सोचते हो
खुश हूं मैं इस हाल में यूं
सोचते हो एक...
सजावट की शय सी
घर की दीवार पर टंगी
इक फ्रेम में जड़ी सी
आते जाते जिसे ताक लेते हो तुम
कभी रोज कभी कभी कभार ही
और तुम सोचते हो
खुश हूं मैं इस हाल में यूं
सोचते हो एक...