...

11 views

बदनाम बाते
उसकी मेरी जितनी भी
बाते तमाम हुई है
मेरे इश्क में मुझसे ज्यादा
बाते बदनाम हुई है

मैं मंजिल का क्या करता
वो ही रस्ता छोड़ गई
इस सफर में मेरे साथ
बाते नाकाम हुई है
मेरे इश्क में मुझसे ज्यादा
बाते बदनाम हुई है

ना दिन में मिला सुकुन कहीं
ना रात को चैन से सोया मैं
तन्हा दिल से करते करते
बाते शाम हुईं है
मेरे इश्क में मुझसे ज्यादा
बाते बदनाम हुई है

लगता है जैसे खुदा ने
फेर लिया है मुंह मुझसे
इस बार तेरी नमाज ए कजा
किसके नाम हुई है
मेरे इश्क में मुझसे ज्यादा
बाते बदनाम हुई है

कितना कुछ लिखता है "दीप"
शायरों की सोहबत कर करके
तेरी नज़र ए पेश बता
मेरी कौनसी कलाम हुई है
मेरे इश्क में मुझसे ज्यादा
बाते बदनाम हुई है


© शायर मिजाज