आदत नहीं रही
हंसते हैं मगर खिल खिलाने की आदत नहीं रही
बे वजह खुद में मुस्कुराने की आदत नहीं रही।
ता उम्र है तेरी उल्फत में इंतज़ार मुझे
दहलीज में तक ते रह जाने की आदत नहीं रही।
समेटा है तेरे दर्द को...
बे वजह खुद में मुस्कुराने की आदत नहीं रही।
ता उम्र है तेरी उल्फत में इंतज़ार मुझे
दहलीज में तक ते रह जाने की आदत नहीं रही।
समेटा है तेरे दर्द को...