एक शोला छुपाए रखा था।
फिर सुलाए सारे सपने
जिसने जगाए रखा था।
एक शमा थी जिसने,
दीपक जलाए रखा था।
हमने लगा रखे थे,
जुबां पर ताले।
वो जाहिर आंखों से हुआ,
जो दिले में दबाए रखा था।
आंखों से मिली आंखें तो
छलक जाएंगी।...
जिसने जगाए रखा था।
एक शमा थी जिसने,
दीपक जलाए रखा था।
हमने लगा रखे थे,
जुबां पर ताले।
वो जाहिर आंखों से हुआ,
जो दिले में दबाए रखा था।
आंखों से मिली आंखें तो
छलक जाएंगी।...