मेरे अनदेखे गम को जो समझो तो माने
मेरे अनदेखे गम को गर समझो तो जाने...
अनकहे अल्फाजो को जो पढो तो माने...
कहती है जो दुनिया उसे छोड़,
गर मैं जैसी हूँ वैसा पहचानो तो माने...
होठों की हंसी को जो समझो तो जाने...
चेहरे की मायूसी को गर पढो तो माने...
कुछ पल साथ...
अनकहे अल्फाजो को जो पढो तो माने...
कहती है जो दुनिया उसे छोड़,
गर मैं जैसी हूँ वैसा पहचानो तो माने...
होठों की हंसी को जो समझो तो जाने...
चेहरे की मायूसी को गर पढो तो माने...
कुछ पल साथ...