फालतू..
ना समझ किसी को फालतू
यहाँ सबके अपने किरदार है
सबका अपना जीवन
सबके अपने हालात हैं
नहीं हर कोई फालतू यहाँ
ना ही हर कोई समझदार है
किसी पे वक़्त महरबान तो
किसी का वक्त खराब है
है किसी के जीवन में खुशियाँ तो
किसी को गमों का भार है
हर किसी का नजरिया तो
हर किसी का अपना व्यवहार है
फिर क्यूँ...
यहाँ सबके अपने किरदार है
सबका अपना जीवन
सबके अपने हालात हैं
नहीं हर कोई फालतू यहाँ
ना ही हर कोई समझदार है
किसी पे वक़्त महरबान तो
किसी का वक्त खराब है
है किसी के जीवन में खुशियाँ तो
किसी को गमों का भार है
हर किसी का नजरिया तो
हर किसी का अपना व्यवहार है
फिर क्यूँ...