सोचिए कि तरुण होकर क्या किया ...
आइए खुद के लिए खुद से मिलें ।
यह समय है सोचने का सोच लें ।।
क्या किए अब तक ?बचा क्या काम है?
जिंदगी में क्या कठिन क्या आम है ??
खेल पाए क्या सही बचपन नया ?
सोचिए कि तरुण होकर क्या किया ?
छात्र जीवन में बनीं क्या मंजिलें ?
यह समय है सोचने का सोच लें ।।
क्या जवानी में भरे उत्साह थे ?
किस तरह संकल्प के निर्वाह थे ?
क्या रहे कर्तव्य जो संकट बने ?
और क्या अपकीर्ति के आहट बने ?
हम दिए क्या? क्या लिए यह देख लें ।
यह समय है सोचने का सोच लें ।।
@ 'समर्थ'
© Sujan Tiwari Samarth
यह समय है सोचने का सोच लें ।।
क्या किए अब तक ?बचा क्या काम है?
जिंदगी में क्या कठिन क्या आम है ??
खेल पाए क्या सही बचपन नया ?
सोचिए कि तरुण होकर क्या किया ?
छात्र जीवन में बनीं क्या मंजिलें ?
यह समय है सोचने का सोच लें ।।
क्या जवानी में भरे उत्साह थे ?
किस तरह संकल्प के निर्वाह थे ?
क्या रहे कर्तव्य जो संकट बने ?
और क्या अपकीर्ति के आहट बने ?
हम दिए क्या? क्या लिए यह देख लें ।
यह समय है सोचने का सोच लें ।।
@ 'समर्थ'
© Sujan Tiwari Samarth