...

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कायर


कैसे समझे लोग मुझे, मैं कायर था
अल्फाज़ो में माहिर, मैं इक शायर था

रोक सका न उसको जाने किन वजहों से
लोगों सोचा, दिल से मेरे वो बाहर था

देख रहे हो मुझको कैसी हालत है
रात को मेरी नींद नदारद, आँखें घायल हैं

उसके कदमो की आहट...