डॉ होमी जहाँगीर भाभा
महाराष्ट्र राज्य का एक शहर,
है जिसका नाम मुंबई शहर,,
30 October 1909 को था एक ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ,
जिसे पूरी दुनिया में डॉ होमी जहाँगीर भाभा के नाम से जाना गया,,
कैंब्रिज से थी, इन्होंने अपने पढाई की शुरुआत की
भौतिक विज्ञान और गणित में था इनकी रुचि कुछ ज्यादा ही,,
शुरुआती समय में था इन्होंने लॉयर और टाटा इंटरप्रिसेस में काम किया,,
इसके बाद था इन्होंने न्यूक्लियर एनर्जी पर रिसर्च किया,,
15 ऑगस्त 1947 को था जब हमारा देश आज़ाद हुआ,
उसके बाद था देश को परमाणु एनर्जी का आवश्यकता पड़ा
3 जनवरी 1954 को था आपने एक बहुत बड़ा काम किया,
परमाणु ऊर्जा प्रतिस्ट्ठान के रूप में देश को था बड़ा तोहफा दिया,
आपके सोच और काबिलियत को पूरे विश्व ने है सलाम किया,
जिसके वजह से था 1954 में आपको जेनेवा में सभापति का पद दिया,
ऑक्तूबर 1965 में था आपने देश से किया वादा,
18 महीने में देश को parmanuy बम दोगे ये था आपका पक्का इरादा,
आपके इस वादे से था संपूर्ण विश्व घबराया,
जिसके वजह से था उन्होंने एक कायरता पूर्ण काम किया,
24 जनवरी 1966 को था एक ऐसा काला दिन आया
जब एक विमान दुर्घटना में था आपने अपना प्राण गवायाँ,
आप तो चले गए हे भाभा, पर ये देश आपको कभी ना भुला पाएगा,
युगों - युगों तक ये देश आपके कामयाबी के किस्से सुनाएगा।।
हरिओम गुप्ता
© IT'S HARIOM GUPTA
है जिसका नाम मुंबई शहर,,
30 October 1909 को था एक ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ,
जिसे पूरी दुनिया में डॉ होमी जहाँगीर भाभा के नाम से जाना गया,,
कैंब्रिज से थी, इन्होंने अपने पढाई की शुरुआत की
भौतिक विज्ञान और गणित में था इनकी रुचि कुछ ज्यादा ही,,
शुरुआती समय में था इन्होंने लॉयर और टाटा इंटरप्रिसेस में काम किया,,
इसके बाद था इन्होंने न्यूक्लियर एनर्जी पर रिसर्च किया,,
15 ऑगस्त 1947 को था जब हमारा देश आज़ाद हुआ,
उसके बाद था देश को परमाणु एनर्जी का आवश्यकता पड़ा
3 जनवरी 1954 को था आपने एक बहुत बड़ा काम किया,
परमाणु ऊर्जा प्रतिस्ट्ठान के रूप में देश को था बड़ा तोहफा दिया,
आपके सोच और काबिलियत को पूरे विश्व ने है सलाम किया,
जिसके वजह से था 1954 में आपको जेनेवा में सभापति का पद दिया,
ऑक्तूबर 1965 में था आपने देश से किया वादा,
18 महीने में देश को parmanuy बम दोगे ये था आपका पक्का इरादा,
आपके इस वादे से था संपूर्ण विश्व घबराया,
जिसके वजह से था उन्होंने एक कायरता पूर्ण काम किया,
24 जनवरी 1966 को था एक ऐसा काला दिन आया
जब एक विमान दुर्घटना में था आपने अपना प्राण गवायाँ,
आप तो चले गए हे भाभा, पर ये देश आपको कभी ना भुला पाएगा,
युगों - युगों तक ये देश आपके कामयाबी के किस्से सुनाएगा।।
हरिओम गुप्ता
© IT'S HARIOM GUPTA