मन
किस मंजर ने दिल लूट लिया
किस मोड़ आकर मन ठहर गया
तू जिस जिस राह चला साथी
मेरा गुरूर वहीं पर उलट गया
मन मेरा वहीं का रह गया !!
आती जाती हवा सुहाती
साँसों का रुख़ सदा बताती
रखें जहाँ जहाँ तूने...
किस मोड़ आकर मन ठहर गया
तू जिस जिस राह चला साथी
मेरा गुरूर वहीं पर उलट गया
मन मेरा वहीं का रह गया !!
आती जाती हवा सुहाती
साँसों का रुख़ सदा बताती
रखें जहाँ जहाँ तूने...