...

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तेरी याद
कैसे लिखे तुम्हे? जब तुम्हारे बारे
में लिखने बैठते है,तेरे ही ख्यालो मे
खो जाते हैं,
यही सोचकर की तू बैठा है मेरे पास..!!

सोचते है आँखो के बारे मे लिखु,
तेरी आंखे है गहरा समुंदर और उसमे
ही मैं ठहर सी जाऊ..!!

सोचते है तेरी हसी के बारे में
सोचते सोचते तेरी हसी में ही खो जाऊ,
बेरंग सी मैं तेरे एक मुस्कान पे
मर जाऊ..!!

सोचते है तेरी बातो के बारे में
फिर उन बातो की यादों में खो जाऊ,
सोचते सोचते आंखो से तेरे यादों का
समंदर बह जाए..!!

जब भी सोचते है तेरे बारे में
अपने आप से ही मुस्कुराऊ तो
कभी तेरी यादों में ही रोने लग जाऊ..!!

जाने कितने गुजरे दिन
ना तुझसे बात ना हुई
ना तुमने कभी बात करने की
कोशिश की,
क्या थी खता मेरी ये तो बताते
और हमारे पूछने से पहले
तुमने तो सारे रास्ते ही बंद कर दिए..!!

क्या गुजरती है मुझपर
ये तुमने ना सोचा ,
तेरे बिना क्या दर्द है ये भी ना जाना,
जिस से बाते किए बिना पल नहीं
गुजरता था
उसके बिना क्या दर्द होता होगा
क्या तुमने कभी माना ही नहीं था
मुझे कभी अपना..!!!