![...](https://api.writco.in/assets/images/post/default/story-poem/normal/1SHAYARI B.webp)
3 views
Happy Father's Day
शब्दों में बयान करूँ कैसे?
शब्द भी कम पड़ जाए
एक दिन उनके नाम करूँ कैसे?
जिनके बिना मुझे कुछ ना भाए
कहते नहीं कभी ना जताते हैं
कभी सख्त तो कभी नर्म हो जाते हैं।
हर डर, हर मुश्किल को दूर भगाते हैं
पापा मेरे हर मुश्किल से खुद ही लड़ जाते हैं।
कमजोर कभी पड़ने देते नहीं
शिक्षा का वो ऐसा पाठ पढ़ाते हैं
करते नहीं गर्व कभी बस अन्दर ही अन्दर मुस्काते हैं
पापा मेरे इस तरह प्यार दिखाते हैं।
आ सके न काँटे डगर में वो
फूलों से रास्ते सजाते हैं।
पहुंच सकूँ मैं मंज़िल तक उसके लिए
पापा मेरे हर तकलीफ खुद ही सह जाते हैं।
© Vinisha Dang
शब्द भी कम पड़ जाए
एक दिन उनके नाम करूँ कैसे?
जिनके बिना मुझे कुछ ना भाए
कहते नहीं कभी ना जताते हैं
कभी सख्त तो कभी नर्म हो जाते हैं।
हर डर, हर मुश्किल को दूर भगाते हैं
पापा मेरे हर मुश्किल से खुद ही लड़ जाते हैं।
कमजोर कभी पड़ने देते नहीं
शिक्षा का वो ऐसा पाठ पढ़ाते हैं
करते नहीं गर्व कभी बस अन्दर ही अन्दर मुस्काते हैं
पापा मेरे इस तरह प्यार दिखाते हैं।
आ सके न काँटे डगर में वो
फूलों से रास्ते सजाते हैं।
पहुंच सकूँ मैं मंज़िल तक उसके लिए
पापा मेरे हर तकलीफ खुद ही सह जाते हैं।
© Vinisha Dang
Related Stories
9 Likes
0
Comments
9 Likes
0
Comments