...

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ग़ज़ल
राज़ दिल का सबको बताया नहीं जाता ।
ये नग़्मा हर किसी को सुनाया नहीं जाता ।।
वो तिरा शरमाना वो पलकों को झुकाना ।
आँखों से तेरी ज़ुल्फ़ का साया नहीं जाता ।।
पोशीदा मेरे सीने में है तोहफ़ा यार का ।
ये ज़ख़्म हर किसी को दिखाया नहीं जाता ।।
आया हूँ अंजुमन में तेरी लेके टूटा दिल ।
ख़ाली हाथ भी तो बज़्म में आया नहीं जाता ।।
तेरे अपने रूठ जाएंगे "अनवर" तो ग़ैर है ।
ग़ैरों को हर ख़ुशी में बुलाया नहीं जाता ।।