मैंने पूछा चांद से
मैंने पूछा चांद से यह रात क्यों घनघोर है
वह भी हंसकर कह गया यह आपका ही शोर है
मैं सो गया मैंने देखा क्या मेरे ख्वाब में कोई और है
मैंरी चाहते कुछ और थी मेरा रास्ता कुछ और है
मैंने पूछा चांद से यह रात क्यों घनघोर है
वह भी हंसकर कह गया यह आपका ही शोर है
मैं भला फिर कहता...
वह भी हंसकर कह गया यह आपका ही शोर है
मैं सो गया मैंने देखा क्या मेरे ख्वाब में कोई और है
मैंरी चाहते कुछ और थी मेरा रास्ता कुछ और है
मैंने पूछा चांद से यह रात क्यों घनघोर है
वह भी हंसकर कह गया यह आपका ही शोर है
मैं भला फिर कहता...