शायद....
"शायद " शब्द में छिपे हैं जाने कितने
मलाल, जाने कितनी कसक,
चाहे रही हो वो इश्क़ की बात
चाहे रही हो दर्द रातों की बात ...
मलाल, जाने कितनी कसक,
चाहे रही हो वो इश्क़ की बात
चाहे रही हो दर्द रातों की बात ...