4 views
क्रोधित दिनकर
*क्रोधित दिनकर*
क्रोधित दिनकर हुए हैं नभ में,🌞
हा हा कार मचा हुआ है जग में।🥵
सहा जाए न रवि का विकराल रूप,
आग के गोले जैसे लगती अब धूप।🔥
जेठ वैशाख का सूरज देखा जाए ना,
लू लपट का कहर कहर सहा जाए ना।🔥
भूमिगत जलस्तर इतना नीचे है गिरा,
जाकर के भूतल में भी नहीं है मिला।🔥
डंबर की सड़के पिंघल गई अब सारी,
त्राहि त्राहि कर रही हैं देखो सृष्ठि सारी।🔥
किसानों की दयनीय दशा कही जाए ना,
मोटे कर्ज तले जिंदगी अब जी जाए ना।🔥
हे दिनकर! इतनी सी अरज सुनो हमारी,
जड़ चेतन हम सब दया दृष्टि चाहें तुम्हारी।🙏
लेखक_#Shobhavyas
#क्रोधित_दिनकर
#WritcoQuote
#writcopoem
#writcoaap
क्रोधित दिनकर हुए हैं नभ में,🌞
हा हा कार मचा हुआ है जग में।🥵
सहा जाए न रवि का विकराल रूप,
आग के गोले जैसे लगती अब धूप।🔥
जेठ वैशाख का सूरज देखा जाए ना,
लू लपट का कहर कहर सहा जाए ना।🔥
भूमिगत जलस्तर इतना नीचे है गिरा,
जाकर के भूतल में भी नहीं है मिला।🔥
डंबर की सड़के पिंघल गई अब सारी,
त्राहि त्राहि कर रही हैं देखो सृष्ठि सारी।🔥
किसानों की दयनीय दशा कही जाए ना,
मोटे कर्ज तले जिंदगी अब जी जाए ना।🔥
हे दिनकर! इतनी सी अरज सुनो हमारी,
जड़ चेतन हम सब दया दृष्टि चाहें तुम्हारी।🙏
लेखक_#Shobhavyas
#क्रोधित_दिनकर
#WritcoQuote
#writcopoem
#writcoaap
Related Stories
18 Likes
2
Comments
18 Likes
2
Comments