कैसे पहुंचे मेरा नमन
सदगुरू तुम्हारे श्री चरणों मे,कैसे पहुँचे मेरा नमन।
कैसे करूँ तुम्हे नमन,क्या करूँ तुम्हे अर्पण।
मेरा कुछ मेरा ही नही,क्या करूँ तुम्हे समर्पण।
मेरी भक्ति भी अधूरी,क्षीण होती शक्ति मेरी।
साहस नही कुछ बड़ा कर सकूं,समझो प्रभु अवस्था मेरी।
कैसे करूँ तुम्हे नमन,क्या करूँ तुम्हे अर्पण।
सदगुरू तुम्हारे श्री चरणों मे,कैसे करूँ मैं नमन।
कैसे मन को समझाऊं,कैसे पीड़ा को बतलाऊँ।
कैसे तेरे करीब आऊं,कब होगी दूरियां कम।
सदगुरू तुम्हारे श्री चरणों मे,कैसे पहुँचे मेरा नमन।
संजीव बल्लाल ७/३/२०२४© BALLAL S
कैसे करूँ तुम्हे नमन,क्या करूँ तुम्हे अर्पण।
मेरा कुछ मेरा ही नही,क्या करूँ तुम्हे समर्पण।
मेरी भक्ति भी अधूरी,क्षीण होती शक्ति मेरी।
साहस नही कुछ बड़ा कर सकूं,समझो प्रभु अवस्था मेरी।
कैसे करूँ तुम्हे नमन,क्या करूँ तुम्हे अर्पण।
सदगुरू तुम्हारे श्री चरणों मे,कैसे करूँ मैं नमन।
कैसे मन को समझाऊं,कैसे पीड़ा को बतलाऊँ।
कैसे तेरे करीब आऊं,कब होगी दूरियां कम।
सदगुरू तुम्हारे श्री चरणों मे,कैसे पहुँचे मेरा नमन।
संजीव बल्लाल ७/३/२०२४© BALLAL S
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