...

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मेरी परछाई.. मेरी मार्गदर्शक.!
मेरी परछाई सिखाती है मुझको जीना,
बोलती है कि हर हाल में संयम रखना,
मुस्कुराहट को अपनी ना गंवाना कभी,
मुसीबत में भी तुम यूं ही मज़बूत रहना,

आयेंगी आंधियां तो तुम घबराना नहीं,
डर कर क़दम अपने पीछे हटाना नहीं,
बोलती है कि बन जाना रणछोर भले,
लेकिन करके गलती पछताना नहीं,

सफलता मिलेगी जरूर यकीन रखना,
मिले असफलता कभी, तो ना टूटना।
हमें भी गायब होना पड़ता है उजाले में,
समेट खुद को फिर नई शुरुआत करना

आकांक्षा मगन "सरस्वती"
© आकांक्षा मगन "सरस्वती"