...

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जो बीत गई वो बात गई।
जो बीत गई वो बात गई।
ये नई सुबह है, वो पुरानी रात गई।💫
जीवन का चक्र यू ही चलता है।
कुछ गिरता है,कुछ फिसल जाता है।
ओ मुसाफिर ! तू नई सोच बना चलता चल।
अब पीछे मुड़ने की बात गई।
जो बीत गई वो.........
जिस राह पर चलना मुश्किल हो।
तू राह बदल और आगे चलता चल।
अब इस पथ पर रात कहा,
ये हसीन शाम ढली,✨वो पुरानी रात गई।
जो बीत गई वो.............
कितने भी काटें हो पथ पर,
उस पर चलना तुम्हारा लक्ष्य हो।
देख मुसाफिर किसे क्या मिलता है।
जीवन मृत्यु के साथ गई।
जो बीत गई वो बात गई।......🦋🌹