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घरौंदा
चल साथी एक घरौंदा बनाएंगे,
दूर कहीं अपनी दुनिया बसाएंगे।।
तुम माटी और ईंट ले आना ,
फिर मिल कर चार दीवार बनाएंगे,
तिनका - तिनका जोड़ घर सजाएंगे,
हम उसमें अपने प्रेम का रंग भरेंगे,
एक छोटा सा आंगन बनाएंगे,
उसमें स्नेह की कियारी बनाएंगे,
और आस्था के फूल उगाएंगे।
जब तुम काम से घर लौट के आओगे,
मैं तुम्हें उसी घर की चौखट पर इंतजार करती मिलूंगी,
फिर साथ बैठ खाना खायेंगे,
अपना एक संसार बसाएंगे,
चल साथी एक घरौंदा बनाएंगे,
दूर कहीं अपनी दुनिया बसाएंगे।।
#writcopoemchallenge
© nehachoudhary
दूर कहीं अपनी दुनिया बसाएंगे।।
तुम माटी और ईंट ले आना ,
फिर मिल कर चार दीवार बनाएंगे,
तिनका - तिनका जोड़ घर सजाएंगे,
हम उसमें अपने प्रेम का रंग भरेंगे,
एक छोटा सा आंगन बनाएंगे,
उसमें स्नेह की कियारी बनाएंगे,
और आस्था के फूल उगाएंगे।
जब तुम काम से घर लौट के आओगे,
मैं तुम्हें उसी घर की चौखट पर इंतजार करती मिलूंगी,
फिर साथ बैठ खाना खायेंगे,
अपना एक संसार बसाएंगे,
चल साथी एक घरौंदा बनाएंगे,
दूर कहीं अपनी दुनिया बसाएंगे।।
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